ऐ बात नहीं जरा सी

👉तेज आने लगे जब बुखार,
बढ़ने अगर लगी हैं खासी.
तब याद रखो  साथी.
ये बात अब नहीं जरा सी. ये बात नहीं अब जरा सी.


अगर बदबू ना आये.
खुशबु का ना हो अहसास.
लौंग, कपूर, अजवायन की
 पोटली अब सदा रखो पास.
पोटली अब सदा रखो पास.



सांस लेने में हो तकलीफ.
अगर सीने में हो दर्द.
साथी तब डॉक्टर की.
सलाह लेने में क्या हैं हर्ज.
सलाह  लेने में क्या हैं हर्ज.



होने  लगा हैं अगर जुकाम.
होने लगी गले में खराश.
थोड़ी आस्था और रखो धैर्य.
मन से होना नहीं हताश.
 मन से होना नहीं हताश.


मास्क, सेनेटाइजर और दुरी,
सदा याद रखो बाते ये तीन.
अभी समय आया हैं साथी,
अपने घर में हो जाओ क्वारंटीन.
अपने घर में हो जाओ क्वारंटीन.



लोकेश्वरी कश्यप
P/S सिंगारपुर, मुंगेली  (छत्तीसगढ़ )

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