लर्निंग आउटकम्स की विशेषताएं

लर्निंग आउटकम्स  और उसकी विशेषताएं 
         
👉 जब हम बच्चों के साथ कक्षा में गतिविधि करते हैं तो हमें सरल शब्दों का प्रयोग करना चाहिए.
👉 लर्निंग आउटकम्स के लक्ष्यों को 3 भागों में बांट सकते हैं
1. अल्पकालिक लक्ष्य
2. माध्यम कालिक लक्ष्य
3. दीर्घकालिक लक्ष्य

 इन तीनों के बारे में उदाहरण द्वारा स्पष्ट करते है.

👉 पाठ्यचर्या बच्चों के बहू मुखी अर्थात सर्वांगीण विकास के लिए हैं.


🌼पाठ्यचर्या की अपेक्षाएं दीर्घकालिक लक्ष्य है. जिसमें की निम्न विशेषताएं परिलक्षित होती हैं.

👉 बच्चों का सर्वांगीण विकास अर्थात सामाजिक शारीरिक मानसिक भावात्मक इत्यादि विकास.

👉 गुरु और शिष्य का संबंध है  परस्पर निर्भर होता  हैं.

👉 बच्चों की सृजनशीलता को महत्व दीया जाना.

👉 बच्चों में सर्वांगीण विकास की बेहतर संभावना.

👉 विषय अनुसार अंतह और आंतरिक जटिलता को समझते हुए कार्य करना.

👉 भौतिक चुनौतियां एवं बच्चों की बुद्धि लब्धि अनुसार सीखने के प्रतिफल प्राप्त करने की संभावना पर बल दिया गया है.



1. पाठ्यचर्या की अपेक्षाएं.

 पाठ्यचर्या की अपेक्षाओं से मतलब है कि पढ़ने सीखने सिखाने योग्य बातों एवं विधियों का नियम पूर्वक अनुकरण करना.


2.  सीखने के प्रतिफल


👉 पाठ्यचर्या पूरी तरह छात्रों के लिए है. पाठ्यचर्या विद्यालय की शिक्षा का केंद्र बिंदु है.
👉पाठ्यचर्या शिक्षक और छात्रों को जोड़कर रखता है.
👉पाठ्यचर्या के माध्यम से शिक्षा का छात्रों को क्या और कैसे सिखाना है यह तय कर पाते हैं.
👉पाठ्यचर्या छात्रों को क्या सिखाना है कैसे सिखाना यह स्पष्ट करता है पाठ्यचर्या.
👉पाठ्यचर्या शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण करता है.
👉छात्र व शिक्षक को जागरूक करता है
👉 लक्ष्य के प्रति सचेत रखने का कार्य करता है पाठ्यचर्या.
👉पाठ्यचर्या में छात्र शिक्षक की समान भागीदारी निश्चित होती है.

🌺 अपेक्षाएं🌺


 👉ध्यान से सुनना
👉 अपनी कल्पना अनुसार एवं स्वभाव के द्वारा अभिव्यक्ति कर पाना .
 👉अलग अलग संदर्भ में अपनी अभिव्यक्ति कर पाना
👉 कक्षा स्तर अनुसार कविता कहानी में रुचि लेना.
 👉अपने अनुभव से जोड़ते हुए सीखना.

 

👉. भाषा सरल और स्पष्ट.
👉. चरणबद्धता है. जैसे पहले सुनना बोलना पढ़ना फिर  लिखना.
👉 बच्चों को सुनें एवं उन्हें अभिव्यक्ति का पूरा अवसर दें इसके पश्चात ही लेखन का काम देना.
👉. आकलन की स्वतंत्रता व व्यापकता. जिसमें कि बच्चों का गुणात्मक आकलन, मात्रात्मक आकलन जिसे कि अंकित के रूप में परिभाषित करते हैं.
👉. प्रक्रिया आधारित है.
👉. कौशल अर्थात लर्निंग आउटकम्स हासिल करने के लिए किसी भी प्रकार की सहज सरल गतिविधि का प्रयोग कर सकते हैं अर्थात इस में लचीलापन हैं.
👉. कक्षा को अनुभाग में ना बांटना.
👉. संपूर्णता का लक्ष्य लेकर चलता है जैसे कि पर्यावरण पढ़ाते समय इसमें अन्य विषयों को भी समाहित करते हुए चलते हैं. यह हिंदी पढ़ाते हुए उसके साथ अन्य विषयों को भी संबंधित करते चलते हैं.

👉.पाठ्यचर्या की विषय वस्तु में व्यापकता है.




👉. शिक्षण सामग्री की विविधता होती है.
👉. गुणात्मक शिक्षा के प्रति सभी को जिम्मेदार बनाता है.
👉. सीखने के प्रतिफल प्रक्रिया आधारित हैं.
👉. सीखने सिखाने एवं समावेशी शिक्षा के अनुरूप स्थितियों के निर्माण की छूट देता है.
👉. एक से अधिक प्रक्रियाओं का उपयोग कर सकते हैं.
👉. संपूर्णता में देखते हैं.
👉. नवीन प्रक्रिया रख सकते हैं.
👉. परिवेश व कक्षा अनुसार गतिविधि कर सकते हैं.
👉. सीखने के प्रतिफल वर तुला का रूप में जुड़े हुए हैं.
👉. कक्षा कक्ष में बच्चों के अनुभव को स्थान देना ताकि कक्षा में बच्चों की रुचि बने रहें सुरक्षित व अनुकूल वातावरण मिले एवं बच्चे सहज व सरल तरीके से अभिव्यक्ति कर पाए.
👉.  बच्चों की क्षमताओं के पहचान में सहायक है.
👉. अधिगम मूल्यांकन की पूर्ति.
👉. वृहद रूप से शैक्षिक स्थिति को जानने के लिए.
👉. बाल केंद्रित कक्षा के सृजन के लिए.
👉. शिक्षक गतिविधियों का चयन आवश्यकतानुसार करने के लिए स्वतंत्र हैं.

 
👉.  संपूर्ण दस्तावेज का प्रयोग.
👉. पाठ्यचर्या का अर्थ,
👉. सीखने सिखाने की प्रक्रियाएं.
👉. कक्षा के बाहर के अनुभवों को अलग-अलग ना देखें.
 


👉 पाठ्यचर्या विद्यार्थियों को एक निश्चित समय में अर्जित करना है इसलिए यह चरणबद्ध  है.
👉. शिक्षक अपने विद्यालय शिक्षार्थियों को चरणबद्ध लक्ष्य हासिल करवाता है.
👉. निश्चित पाठ्यचर्या होने से संपूर्ण क्षेत्रों एवं राज्यों में शिक्षा की समानता का होना निश्चित होता है.

 

🌺 पाठ्यचर्या क्या है?🌺


1. पाठ्यचर्या को करिकुलम कहते हैं एवं यह पूरे देश के लिए समान होता है.
2. पाठ्यचर्या में व्यवस्था संबंधी अर्थात संसाधनों की बात होती है जैसे कि  स्कूल,स्कूल में उपस्थित संसाधन, शिक्षा, शिक्षक  बच्चे, इत्यादि.
3. पाठ्यचर्या के अपने शिक्षा का एजेंडा होता है.
 (नेशनल करिकुलम फ्रेम NCF के बारे में बताया.)
4. पाठ्यचर्या पूरे देश के लिए शिक्षा व्यवस्था का निर्धारण करता है.

🌺 पाठ्यक्रम क्या है ?🌺

1. पाठ्यक्रम को हम सिलेबस के रूप में जानते हैं.
2. पाठ्यक्रम का मतलब होता है विषय वस्तु का क्रमिक रूप जो किसी विषय वस्तु को पढ़ाने के लिए निर्धारित है.
3. सिलेबस क्रमवार अर्थात चरणबद्ध, निर्धारित होता है.

 


              🙏 धन्यवाद 😊🙏


 श्रीमती लोकेश्वरी कश्यप
विकासखंड मुंगेली
जिला मुंगेली (छत्तीसगढ़)

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