ज्ञान रचनावाद व भाषा शिक्षण 1
🙏लोकेश्वरी कश्यप
शासकीय प्राथमिक शाला सिंगारपुर विकासखंड मुंगेली
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़
👉ज्ञान रचनावाद एवं भाषा शिक्षण😊
बच्चा जब स्कूल में दाखिल होता है तो उसके पास शब्दों का अथाह भंडार होता है. उसके पास अभिव्यक्ति की कौशल होती है. चीजों को पहचान सकता है उनका वर्गीकरण कर सकता है अपनी भावनाओं को व्यक्त कर पाता है. हमें आवश्यकता है कि बच्चों के इन क्षमता पर विश्वास करें और उनको बढ़ाने का प्रयास करें.
हम बच्चों को कैसे छोटी-छोटी गतिविधियों एवं खेलों के माध्यम से उनके अंदर आत्मविश्वास एकाग्रता इत्यादि को बढ़ाएं.
🎯 कुछ मुख्य गतिविधियां जो हम कर सकते है,वह इस प्रकार से हैं:-
📍बच्चों के अंदर आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु कुछ गतिविधियां बताई गई जिनमें कागज को बीच से दो उंगलियों की मदद से फाड़ना एक हाथ से कागज का गेंद या लड्डू बनाना. कागज को पढ़ने से कैसी आवाज आई इस पर ध्यान केंद्रित करना. कागज के खेल के रूप में हम इसे परिभाषित कर सकते हैं.
📍 बच्चों के एकाग्रता को बढ़ाने के लिए कुछ गतिविधियां बताई गई जैसे कि सीधी लाइन पर चलना, सिर पर थाली रख कर चलना, मुंह में चम्मच दबाकर उसमें कोई गोल सी वस्तु रखकर चलना, सिर पर डंडा रखकर चलना, सिर पर डंडा रखकर सीधी लाइन पर चलना, पानी का ग्लास सर पर रखकर भी सीधी लाइन पर चल सकते हैं. इन सब गतिविधियों से बच्चों की एकाग्रता शक्ति का विकास होता है और इन खेलों में बच्चों को बहुत आनंद आता है.
📍स्वाद की गतिविधियां.
इसके अंतर्गत हमें बताया गया कि विभिन्न पदार्थों के स्वाद में अंतर को बच्चों को स्वयं ही महसूस करने देना जैसे कि गुड और शक्कर दोनों का स्वाद मीठा होता है पर उनके स्वाद में अंतर होता है जिसे बच्चे खाकर महसूस कर सकते हैं. नीम और करेले में कौन ज्यादा कड़वा है इसे पता कर सकते हैं बच्चे. नमक का स्वाद. वैसे ही बच्चे किसी चीज को चककर अर्थात खा कर के देखने के लिए हमेशा उतावले रहते हैं.
📍 स्पर्श से संबंधित गतिविधियां. किसी चीज को छूकर देखना वह नरम है, खुरदरी है, चिकनी है, गरम है, ठंडा है, इन सब चीजों को बच्चा छूकर देखेगा तो बहुत अच्छे से समझ पाएगा. यह गतिविधि आंखों पर पट्टी बांधकर की भी की जा सकती है. यह गतिविधियां बच्चों को बहुत अच्छी लगती है उनके अंदर जिज्ञासा और उत्साह बढ़ता है.
📍ध्वनि से संबंधित गतिविधियां. ध्वनि की डिबिया के माध्यम से डिब्बे में कुछ अलग अलग चीजों को भरकर उनके हिलाने से कैसी धनिया उत्पन्न होती है इसे बच्चे देखेंगे, सुनेंगे और समझेंगे, महसूस करेंगे और उस ध्वनि को पहचानेंगे. या गतिविधि काफी रोचक और मजेदार लगी.
📍रंगों से परिचय की गतिविधि भी बहुत अच्छी लगी.
📍इससे बच्चों के अनुभव, ज्ञान, तर्कशक्ति, आत्मविश्वास, एकाग्रता, स्वाद और स्पर्श की अनुभूति का विकास होगा. निश्चित तौर पर इन गतिविधियों से बच्चों के शब्द भंडार और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी.
📝निष्कर्ष📝
आज की गतिविधि मुख्यतः बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए एवं उनके पांच ज्ञानेंद्रियों की एकाग्रता को बढ़ाने से संबंधित रहा. यह सभी गतिविधियां बच्चों को काफी पसंद आती है एवं उनको इन खेलों में काफी आनंद अनुभव होता है. बच्चे खेल-खेल में ही अपने ज्ञान का, शब्द शक्ति का विकास करते हैं.
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लोकेश्वरी कश्यप
जिला मुंगेली (छत्तीसगढ़ )
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